धरा चेतना फाउंडेशन गर्व से साहित्यिक संस्कार शाला प्रस्तुत करता है, एक अनूठी पहल जो बच्चों और युवाओं में साहित्य के प्रति प्रेम और रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। हमारा उद्देश्य 8वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों में न केवल साहित्यिक रुचि जगाना है, बल्कि उन्हें अपने विचारों को स्वतंत्रता और आत्मविश्वास के साथ व्यक्त करने के लिए एक मंच भी प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, हम कहानी लेखन, कविता पाठ और संवाद कला जैसी गतिविधियों को एकीकृत करते हुए एक ऐसा वातावरण तैयार करते हैं जहाँ युवा मन बिना किसी डर के अन्वेषण और सृजन कर सकें।
यह शाला केवल साहित्यिक शुद्धता पर केंद्रित नहीं है; इसका प्राथमिक लक्ष्य एक डर-मुक्त और प्रेरक माहौल बनाना है जहाँ प्रत्येक बच्चे को अपनी आवाज खोजने और उसे मुखर करने का अवसर मिले। हम समसामयिक सोच विकसित करने और कहानियों, कविताओं और नाटकों के माध्यम से भावनात्मक अन्वेषण को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देते हैं। साहित्यिक संस्कार शाला के साथ, धरा चेतना फाउंडेशन का लक्ष्य युवा लेखकों और विचारकों की एक नई पीढ़ी को सशक्त बनाना है जो समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें, और भविष्य में कहानी संग्रह प्रकाशित करने, नाट्य मंचन करने और बाल साहित्यिक सम्मेलन आयोजित करने की हमारी दीर्घकालिक योजनाओं को साकार कर सकें।
साहित्यिक संस्कार शाला बच्चों और युवाओं में साहित्य के प्रति रुचि, स्वतंत्र अभिव्यक्ति और समसामयिक सोच विकसित करने का एक अनूठा अभियान है। यह उन्हें एक डर-मुक्त मंच प्रदान करता है जहाँ वे रचनात्मक लेखन, कविता पाठ और संवाद के माध्यम से अपनी पहचान बना सकते हैं। हमारा लक्ष्य युवा पीढ़ी में साहित्यिक चेतना जगाकर उन्हें सशक्त बनाना है, ताकि वे समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।
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